फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्सइड के कारण रुक रही हैं सांसे
सेहतराग टीम
कोरोना वायरस गले और नाक से ज्यादा फेफड़ों पर हमलावर है। नई समस्या फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता के रूप में सामने आ रही है। इसमें रोगी का दम घुटने लगता है। इसकी मात्रा ज्यादा होने पर रोगी कार्बन डाइऑक्साइड नरकोसिस (एक तरह की बेहोशी) में चला जाता है। कार्बन डाइऑक्साइड से जाम हुए फेफड़ों में ऑक्सीजन देना खतरनाक है। डॉक्टर मरीज को पहले बाइपैप या वेंटीलेटर पर रखकर कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालते हैं।
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इसमें ध्यान रखा जाता है कि कहीं रोगी का ऑक्सीजन लेवल भी न गिर जाए। ऐसी समस्या से ग्रसित कुछ रोगी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबंध हैलट के कोविड अस्पताल में आ चुके हैं, इनमें युवाओं की संख्या काफी है। प्रारंभिक लक्षण में रोगी की सांस बुरी तरह से फूलती है।
कोरोना के नए रूप में वायरल लोड ज्यादा है। यह कम समय में संक्रमितों के फेफड़ों के बड़े हिस्से को प्रभवित कर रहा है। यही कारण है कि सही होने पर भी रोगी को सांस की दिक्कत रहती है। कुछ लोगों को ऑक्सीजन पर ही रखना पड़ता है।
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